ठंड से बचाव हेतु गो आश्रय स्थलों में किये जाये व्यापक बन्दोबस्त: डीएम, बहराइच।
बहराइच। डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति की बैठक
चित्र संख्या 00 से 00 तक तथा फोटो कैपशन
बहराइच 06 दिसम्बर। शुक्रवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनपद स्तरीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति की बैठक के दौरान जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं भरण पोषण सरकार की शीर्ष प्राथमिकता को दृष्टिगत रखते हुए शरद ऋतु से गोवंशों को ठड से बचाव के लिये उन्हें पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार जिसमें प्रचुर मात्रा में कार्बाेहाइड्रेट उपलब्ध कराया जाय साथ ही पीने के लिए स्वच्छ ताजे जल का प्रबन्ध किया जाय। जिले के गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों के लिए पर्याप्त भूसा, हरा चारा व दाने के साथ नमक व गुड भी उपलब्ध कराया जाय।
डीएम ने आश्रय स्थलों में शीत लहर के प्रभाव को रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के लिये शेड को जूट के बोरे/तिरपाल से कवर करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिये विभिन्न संस्थाओं के पास उपलब्ध अनुपयोगी बोरा/टाट आदि को उपयोग में लाया जा सकता है। डीएम द्वारा सुझाव दिया गया है कि गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए समुचित प्रबन्धन एवं निरन्तर निगरानी के साथ साथ पशु शेडों के आस पास सुरक्षित ढंग से अलाव की भी व्यवस्था की जा सकती है। ठंड के प्रभाव को कम करने के लिए गो आश्रय स्थलों में बिछावन के रूप में पुआल लकड़ी का बुरादा तथा गन्ने के अवशेष का प्रयोग करने के साथ-साथ वृद्ध, अशक्त व नवजात गोवंश पर विशेष ध्यान देने की बात कही। डीएम ने कहा कि शरद ऋतु में कोई भी गोवंश रात्रि में खुले स्थान में न रहने पायें, इसकेे लिए पृथक रूप से विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से गोआश्रय स्थलों की निगरानी की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी आश्रय स्थलों पर एक सप्ताह के अन्दर सीसीटीवी कैमरों को क्रियाशील कर उसका लिंक जिला स्तर पर संचालित कमाण्ड सेन्टर को उपलब्ध करा दिया जाय। डीएम ने सुझाव दिया कि कैमरे इस प्रकार से स्थापित किये जायें कि गोआश्रय स्थल के प्रमुख स्थान जैसे गोदाम, प्रवेश द्वार, चरही इत्यादि की बेेहतर ढंग से मानीटरिंग किया जा सके। डीएम ने सचेत किया एक सप्ताह में कैमरे एक्टिवेट न होने पर सम्बन्धित बीडीओ व वीडीओ के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
डीएम ने निर्देश दिया कि उपायुक्त मनरेगा से समन्वय स्थापित कर हरे चारे का उत्पादन कराया जाय। इसके अलावा ऐसे इच्छुक पशुपालक जो हरा चारा उत्पादन कर गोआश्रय स्थलों पर आपूर्ति करना चाहते हों एमओयू कर लिया जाय। डीएम ने निर्देश दिया कि यदि किसी ग्राम पंचायत में 02 गो आश्रय स्थल संचालित हैं तो उनका आपस में मर्जर कर दिया जाय साथ ही ऐसे गो आश्रय स्थल जहां 50 अथवा उससे कम गोवंश संरक्षित हैं बन्द कर वहां के गोवंशों को निकटतम गो आश्रय स्थलों में शिफ्ट करा दिया जाय। ताकि गोवंशों का बेहतर ढंग से संरक्षण किया जा सके। डीएम ने कहा कि सहभागिता योजना अन्तर्गत दिये गये गोवंशों का भी स्थलीय सत्यापन करा लिया जाय।
डीएम ने निर्देश दिया कि एसएफसी में और अधिक पूलिंग कर गो आश्रय स्थलों के अन्य कार्याें को समय से पूर्ण करा लिया जाय साथ समस्त ग्राम पंचायतों की मैपिंग भी करा ली जाय। डीएम ने कहा कि गुलरिहा में पेड़ों की नीलामी पूर्ण कर शीघ्र ही निर्माण कार्य को प्रारम्भ किया जाय। डीएम ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि नवाचार के माध्यम से गोशाला में उपलब्ध गोबर का सुदपयोग कर गोशाला को स्वावलम्बी बनाने का प्रयास किया जाय। डीएम ने पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया कि नियमित रूप से गोआश्रय स्थलों का भ्रमण कर संरक्षित गोवंशों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिकित्सा के माकूल बन्दोबस्त किये जाएं। बैठक के दौरान डीएम ने अन्य बिन्दुओं की भी समीक्षा करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
बैठक का संचालन मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, पुलिस क्षेत्राधिकारी रवि खोखर, नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। जबकि उप जिलाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी द्वारा बैठक में वर्चुअली प्रतिभाग किया गया।
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