अनुमानित 6 भेड़ियों के अतिरिक्त भी हो सकते हैं भेड़िए।
डा निजामुद्दीन अख्तर
उत्तर प्रदेश के पूर्वी उत्तरी भाग में बहराइच जनपद जो नेपाल राष्ट्र के समीप है। बसा हुआ है। बहराइच के महसी विधानसभा क्षेत्र का अधिकतर हिस्सा घाघरा नदी से प्रभावित है । यह क्षेत्र
प्रतिवर्ष बाढ़ प्रभावित होता है जगह-जगह गड्ढे, जल भराव, जंगल का साम्राज्य फैला हुआ है।
इन दिनों आदमखोर भेड़ियों के आतंक से ग्रसित है। लोग रात- रात भर जागते हैं ।अपनी ,अपने बच्चों, जानवरों की सुरक्षा के लिए प्रयत्नशील हैं । सरकार ने प्रकाश, घरों के, दरवाज़े, शौचालयों की सूक्ष्म व्यवस्था कर रखी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के नाते कुछ लोग झोपड़ियों में गुजर- बसर कर रहे हैं। उनके पास पक्के मकान नहीं है। जगह-जगह पक्के मकानों की आवश्यकता है। जंगल के बियाबान स्थलों पर झुग्गी-झोपड़ियों में अभी भी 20% आबादी है। नदी की बाढ़ रोकने के लिए बने बांध के नदी की तरफ बसने वाले लोग इन आदमखोर भेड़ियों से मुख्य रूप से प्रभावित हैं। लगभग 35 गांव इस आतंक के प्रभाव में है। अब तक आदमखोर भेड़ियों ने 9 बच्चों सहित 10 लोगों को मृत्यु के घाट पहुंचा दिया है। सरकार ने मृतकों को 5-5 लाख रुपए की अनुदान राशि दी है। केपी न्यूज़ इंडिया की टीम महसी के इस प्रभावित क्षेत्र में पहुंची। जहां-जहां घटना हुई थी उन लोगों से मुलाकात की प्रथम घटना नथुवापुर गांव में हुई थी। जिसमें एक व्यक्ति फकीरेऔर उसकी बहू घायल हुई थी। फकीरे भी पूस के मकान में रह रहा है।
जंगल और बीहड़ इलाकों में गश्त कर रहे, जंगल विभाग के कर्मचारियों से भी मिली। ग्रामीणों से भी मुलाकात की। उनसे मुलाकात में अलग-अलग तथ्य सामने आए। उनका कहना है की भेंडियो की संख्या 20 से भी ज्यादा है और दूसरे जानवर भी हो सकते हैं। भेड़िया, भेंड़हा, जंगली कुत्ते, लोगों का कहना है कि किसी समय में तेंदुआ भी इस क्षेत्र में देखा गया है। लेकिन भेड़िए की संभावना सबसे अधिक है। एक गांव कोड़इला जहां एक बच्चे को आदमखोर जानवर ने उठा लिया था। बच्चों के परिजनों ने उसकी शबाहत बताते हुए कहा की पिछला भाग झुका हुआ था। अगला भाग ऊंचा था। उसके सर पर बाल थे। अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई की कौन सा जानवर लोगों को मौत के घाट उतार रहा है। लंगड़े भेड़िए की भी बात सुनी जा रही है। फिलहाल स्थिति चिंता जनक है।