।सीओ सिटी पर गिरी गाज ,आफिस हुए अटैच

सीओ सिटी पर गिरी गाज ,आफिस हुए अटैच

बस्ती जून उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में महिला चिकित्सक के साथ मारपीट के मामले में आरोपी सीओ सिटी विनय सिंह चौहान पर आखिर कार्रवाई की गाज गिर ही गई। पुलिस कप्तान गोपालकृष्ण चौधरी ने शनिवार को सीओ सिटी के पद से हटा कर पुलिस आफिस में अटैच कर दिया है। उनके स्थान पुलिस क्षेत्राधिकारी रुधौली सत्येन्द्र भूषण त्रिपाठी को सिटी सर्किल का प्रभार दे दिया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले को लेकर पुलिस महकमें में हड़कंप मचा ह़आ है। विभागीय जांच के साथ सीओ सिटी के खिलाफ दर्ज केस की विवेचना भी आईजी रेंज आरके भारद्वाज सिद्धार्थनगर पुलिस को ट्रांसफर कर दिया है। गौरतलब है कि पुलिस क्षेत्राधिकारी शहर (सीओ) के खिलाफ राजस्थान में पोस्ट महिला चिकित्सक ने तहरीर देकर महिला थाने में एक जून 24 को सायं सवा छह बजे एकराय होकर सरकारी बंगले में बंद करके मारने-पीटने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। तहरीर के मुताबिक सीओ, उनकी पत्नी व बेटी भी आरोपित की गई है। मामला पुलिस अधिकारी जुड़ा होने के कारण महिला थानेदार निधि यादव घटना को पचाने में जुटी रहीं।इस मामले इनकी भी भूमिका संदिग्ध बताई जाती है। जब मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया तो लगातार दो दिनो विभागीय जांच व तबादले की कार्रवाई शुरु हो गई है।

पहले से डॉक्टर व सीओ के बीच रहा संपर्क
आगरा जनपद के मूल निवासी सीओ और राजस्थान की रहने वाली महिला डॉक्टर के बीच कई वर्षो से मित्रता थी। बताते हैं कि दोनो के परिवार वालों भी इस बात जानते रहे है। सीओ के सरकारी आवास पर बीते मई माह की 26 तारीख को वह पहुंची थीं। इसी दौरान अचानक सीओ की पत्नी और उनकी बेटी वहां पहुंच गईं। महिला डॉक्टर को अपने अपने घर में देखकर पत्नी आपा खो बैठीं। दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई। चर्चा यहां तक है कि घटना के वक्त सीओ ने पत्नी की तरफदारी करते हुए चिकित्सक के साथ बदसलूकी कर दी।
आपको बात कर चलें कि दलित समाज से आने वाली महिला चिकित्सक की तहरीर पर सीओ, उनकी पत्नी व बेटी पर एससीएसटी एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया है। पहले इस केस की विवेचना सीओ रुधौली को दी गई थी उसके बाद मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विवेचना सिद्धार्थनगर पुलिस को ट्रांसफर कर दी गई।
जांच आरंभ
पुलिस महानिरीक्षक आरके भारद्वाज ने पूछे जाने पर बताया कि मारपीट व हरिजन उत्पीड़न के आरोपित सीओ के खिलाफ तीन स्तर पर जांच चल रही है। पहली विभागीय जांच एसपी सिद्धार्थनगर की ओर से चल रही है। दूसरा दर्ज आपराधिक केस की विवेचना गैर जनपद स्थानांतरित कर सिद्धार्थनगर पुलिस से कराई जा रही है। बताया कि तीसरी विभागीय जांच डीजीपी के आदेश पर अलग से कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मुख्यालय से कार्रवाई की जा सकती है।

 

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